Kavita Sansar
स्त्री के तीन पहलू हैं वह मां है पत्नी है और बेटी है इन तीनों ही रूपों को बेहतरीन व बहुत संजीदा होकर पिरोया है अपनी कविताओं में डा. प्रभा पंत ने. मदर्स डे के बहाने मां पर बूढ़ी होते जा रही मां पर बहुत सुंदर अभिव्यक्ति दी है। स्त्री रचना के रंग हैलो हल्द्वानी के संग कार्यक्रम के इस एपिसोड में सुनते हैं ये कविताएं। डा. प्रभा पंत एक कवि हैं लेखिका हैं, अपनी कुमांऊनी भाषा को लेकर संजीदा होकर सोचती, लिखती और बोलती हैं। एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी के हिंदी विभाग में विभागाध्यक्ष हैं। आईये सुनते हैं उनकी कविताएं व उन पर बातचीत उन्हीं की जुबानी