उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के विशेष शिक्षा विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का आयोजन
 
आज देहरादून के उत्तराखंड सहकारिता संघ, विष्णु विहार स्थित मुक्त विद्यालय के क्षेत्रीय परिसर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व सलाहकार डॉ राजेश नैथानी व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता की गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राजेश नैथानी द्वारा विश्वविद्यालय द्वारा इस संवेदनशील विषय पर कार्यक्रम का आयोजन व सांकेतिक भाषा दिवस को मनाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की और प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि दिव्यांगजनों की सशक्तिकरण के लिए उनका सदैव प्रयास करते रहना होगा, जिससे कि राज्य में ही नहीं अपितु देश में दिव्यांगता में कमी आए और दिव्यांगजनों के लिए मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा विशेष शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। जिसके लिए विश्वविद्यालय पूर्व में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुका है और आने वाले समय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी जी के उत्कृष्ट नेतृत्व में विश्वविद्यालय विशेष शिक्षा के क्षेत्र में और भी प्रगति के सोपानों को प्राप्त करेगा। इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से जुड़े विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी द्वारा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि सांकेतिक भाषा सभी भाषाओं को आपस में जोड़ने का कार्य करती है। साथ ही उन्होंने कहा की सांकेतिक भाषा केवल श्रवण बाधित व्यक्ति के लिए ही नहीं अपितु सामान्यजनों के लिए भी उपयोगी और लाभकारी है जिससे कि हम श्रवण बाधित दिव्यांग व्यक्ति की बातों को समझ सकते हैं। विशेष शिक्षा विभाग को बधाई देते हुए इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों की उन्होंने सराहना की। इस तरह के कार्यक्रमों से समाज के वंचित व दिव्यांग वर्ग के लोगों तक विश्वविद्यालय उनकी समस्याओं को पहचानने के साथ उनके निराकरण के लिए कार्य करता है। और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है। सांकेतिक भाषा दिवस पर विषय विशेषज्ञ सचिन लोधी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को रंगों की पहचान व हिंदी व अंग्रेजी वर्णमालाओं का प्रशिक्षण सांकेतिक भाषा में दिया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक व विशेष शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ सिद्धार्थ पोखरियाल द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सांकेतिक भाषा के इतिहास व उसको मनाए जाने के संदर्भ में अपना व्याख्यान दिया गया। क्षेत्रीय परिसर के प्रभारी निदेशक डॉ सुभाष रमोला द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का समापन सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान के द्वारा मोहम्मद इंतजार द्वारा किया गया किया गया। इस अवसर पर बीएड विशेष शिक्षा के विशेष आवश्यकता वाले छात्र तरुण कुमार को सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर उनके प्रस्तुतीकरण के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेंद्र जगूड़ी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापिका पूजा शर्मा, सुश्री अंकित सिंह, सुश्री निशा राणा, श्री तरुण नेगी व देहरादून परिसर से श्री बृजमोहन सिंह खाती, श्री अजय कुमार, श्री सुनील नेगी समेत समस्त कर्मचारी व शिक्षकगण और विशेष शिक्षा विभाग के विभिन्न सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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