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विश्व पर्यावरण दिवस पर सुनें विनोद कुमार पांडे को (पर्यावरणविद् ) (CD)

1962 में आई रेचल कार्सन की पुस्तक ''साइलेन्ट स्प्रिंग'' ने पर्यावरण को लेकर एक नयी बहस छेड़ दी। रेचल कार्सन एक समुद्र विज्ञानी थी। इस बहस के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी ने भी माना कि कीटनाशक व रासायनिक खाद ने हमारे पर्यावरण को, बसंत को बहुत नुकसान पहुंचाया है। और अन्ततः उस समय की एकमात्र रासायनिक खाद डीटीटी पर विश्व स्तर पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ये कहना है पर्यावरणप्रेमी व ट्रेैकर विनोद कुमार पांडे का। उनका मानना है कि पर्यावरण के लिए सहभागिता स्तर पर काम करने की जरूरत है। आंकड़ो के हवाले से उन्होंने बताया कि भारत में चार में से तीन नदियां पूरी तरह प्रदूषित हो गयी हैं। और यह प्रदूषण धातुओं का प्रदूषण है। प्लास्टिक का प्रदूषण है। अमेरिका का एक आदमी हिंदुस्तान के 53 आदमियों के बराबर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। प्लास्टिक हजारों सालों तक गलता नहीं और जब गलता है तो माइक्रो प्लास्टिक बनके हवा पानी में मिल जाता है जो कि वन्य जीव व मनुष्यों को नुकसान पहंचाता था कूड़े में प्लास्टिक न होने से वह डिकंपोज नहीं हो पाता जिससे उसमें मीथेन व अन्य ज्वलनशील गैस बनती है और अनवरत आग की वजह बनती है जो बड़े पैमाने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। विस्तार से सुनते हैं विनोद कुमार पांडे को आपके अपने रेडियो हैलो हल्द्वानी में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर

Audio file
External Expert
Participants
सुनीता भास्कर
Language
Hindi
Format
Talk

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