बाबासाहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर लोकप्रिय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। ये एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे। व्यावसायिक जीवन के आरम्भ में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। इसके बाद अम्बेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। इनके जीवन में और भी कई विशेष उपलब्धियां रही, जिनके बारे में विस्तार से बात कर रहे हैं उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग से डॉ० दिनेश कुमार।